Bajrang Baan : बजरंग बाण (भजन) 2025

Bajrang Baan

बजरंग बाण

(भजन)

।। दोहा ।।

निश्चय प्रेम प्रतीति ते,विनय करैं सनमान ।

तेहि के कारज सकल शुभ,सिद्ध करें हनुमान ॥

जय हनुमन्त संत हितकारी ।
सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ।।
जन के काज बिलम्ब न कीजै ।
आतुर दौरि महासुख दीजै ।।

जैसे कूदी सिन्धु महि पारा ।
सुरसा बदन पैठी विस्तारा ।।
आगे जाय लंकिनी रोका ।
मारेहु लात गई सुर लोका ।।

जाय विभीषण को सुख दीन्हा ।
सीता निरखि परम-पद लीना ।।
बाग उजारि सिन्धु मह बोरा ।
अति आतुर जमकातर तोरा ।।

अक्षय कुमार मारि संहारा ।
लूम लपेटि लंक को जारा ।।
लाह समान लंक जरि गई ।
जय-जय धुनि सुरपुर में भई ।।

अब बिलम्ब केहि कारन स्वामी ।
कृपा करहु उर अन्तर्यामी ।।
जय जय लखन प्रान के दाता ।
आतुर होई दु:ख करहु निपाता ।।

जै गिरिधर जै जै सुख सागर ।
सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥
ओम हनु हनु हनु हनुमंत हठीले ।
बैरिहि मारु बज्र की कीले॥

गदा बज्र लै बैरिहि मारो ।
महाराज प्रभु दास उबारो ।।
ओंकार हुंकार महाप्रभु धाओ ।
बज्र गदा हनु विलम्ब न लाओ ।।

ओम ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा ।
ओम हुं हुं हुं हनु अरि उर-सीसा॥
सत्य होहु हरी शपथ पायके ।
राम दूत धरु मारू जायके

जय जय जय हनुमन्त अगाधा ।
दुःख पावत जन केहि अपराधा ।।
पूजा जप-तप नेम अचारा ।
नहिं जानत हो दास तुम्हारा ।।

वन उपवन मग गिरि गृह मांहीं ।
तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ।।
पायं परौं कर जोरी मनावौं ।
येहि अवसर अब केहि गोहरावौं ।।

जय अंजनी कुमार बलवंता ।
शंकर सुवन वीर हनुमंता ।।
बदन कराल काल कुलघालक।
राम सहाय सदा प्रतिपालक ।।

भूत प्रेत पिसाच निसाचर।
अगिन वैताल काल मारी मर ।।
इन्हें मारु, तोहि शपथ राम की ।
राखउ नाथ मरजाद नाम की ।।

जनकसुता हरि दास कहावो ।
ताकी शपथ विलम्ब न लावो ।।
जै जै जै धुनि होत अकासा ।
सुमिरत होत दुसह दुःख नासा ।।

चरण शरण कर जोरि मनावौं ।
यहि अवसर अब केहि गोहरावौं ।।
उठु उठु चलु तोहि राम-दोहाई ।
पायँ परौं, कर जोरि मनाई ।।

ओम चं चं चं चं चपल चलंता ।
ओम हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता ।।
ओम हं हं हाँक देत कपि चंचल ।
ओम सं सं सहमि पराने खल-दल ।।

अपने जन को तुरत उबारौ ।
सुमिरत होय आनंद हमारौ ।।
यह बजरंग बाण जेहि मारै।
ताहि कहो फिर कोन उबारै ।।

पाठ करै बजरंग बाण की ।
हनुमत रक्षा करैं प्रान की ।।
यह बजरंग बाण जो जापैं ।
ताते भूत-प्रेत सब कापैं ।।

धूप देय अरु जपै हमेशा ।
ताके तन नहिं रहै कलेसा ।।

।। दोहा ।।

प्रेम प्रतीतिहि कपि भजै, सदा धरै उर ध्यान ।

तेहि के कारज सकल सुभ, सिद्ध करैं हनुमान ।।

ALSO READ THIS:-

Aarti Kunj Bihari Ki : आरती कुंजबिहारी की भजन 2024

Hum Katha Sunate : हम कथा सुनाते राम सकल गुण धाम की भजन 2024

DOWNLOAD LYRICS PDF :- ( Bajrang Baan )

bajrang baan

RELATED:-

Jai Shree Ram : हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता भजन 2024

Jai Shree Ram : हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता भजन 2024

Leave a Comment

Maha Lakshmi Mantra || धन प्राप्ति के लिए महा लक्ष्मी मंत्र का जाप करें Maha Mrityunjaya Mantra || मृत्यु पर विजय पाने वाला मंत्र Nandi Maharaj || शिव जी का सबसे प्रिय भक्त The Diwali Festival दिवाली उत्सव की कहानी SAMUDRA MANTHAN || एक अनोखी कहानी Hanuman Ashtak || क्यों है यह भगवान हनुमान का प्रिय स्तोत्र